भ्रष्टाचार में लिप्तकर प्रो.रामचंद्रा को बीबीएयू के प्राक्टर पद से हटाने की साजिश
प्रो.रामचंद्रा ने माना बीबीएयू में हो रही जातिवाद की गंदी राजनीति, मुझे प्राक्टर के पद से हटाने की साजिश की जा रही
लखनऊ । राजधानी स्थित बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय इन दिनों जादिवाद की गंदी राजनिति से सुर्खियों में बना हुआ है। यही नहीं हर दिन विवि परिषर में हो रही घटनाओं की आड़ में प्रो रामचंद्रा को बदनाम व प्राक्टर के पद से हटाये जाने की साजिश की जा रही। बता दें अभी हाल ही में विवि के तथाकथित प्रोंफेसरों द्वारा प्राक्टर प्रो.रामचंद्रा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर बदनाम करने की साजिश की गई। जहां आरोप है कि प्रोफेसर रामचंद्रा पेंशन के साथ साथ प्रो.के पद से सैलरी उठा रहे, जो विवि में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे। विवि के प्राक्टर प्रो.रामचंद्रा ने खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि मुझे जानबूझकर फसाया जा रहा हैं। जब कि बीबीएयू और भारत सरकार मंत्रालय द्वारा मुझे पेंशन और वेतन दी जा रही है जो नियमावली के अनुसार पूरी तरह सही हैं। प्राक्टर ने कहा कि विश्वविद्यालय के तथाकथित प्रोफेसरों की वजह से कैंपस में जातिवादी की गंदी राजनीति की जा रही हैं जिसका मैं पूरी तरह से विरोध कर कहा हूँ और यही वजह है कि लोग मुझे भ्रष्टाचार में लिप्त कर प्राक्टर के पद को बदनाम करने की पूर कोशिश कर रहे है। हालांकि की प्रों.रामचंद्रा का साफ तौर पर कहना है कि विवि के प्राक्टर पद कोई योग्य प्रो आ जाने पर मैं पद को खुशी खुशी छोड़ देनें। जानकारी के लिए बता दे विश्वविद्यालय में 50 फिसदी एससीएसटी और 50 फिसदी जनरल की सीटें हैं। जहाँ ज्यादातर शिक्षक जनरल से है और यहीं वजह है कि प्राक्टर के पद पर भी जनरल का प्रोफेसर नियुक्त कर विवि को जातिवाद में विभाजित करने की कुछ शिक्षकों की साजिश की जा रही है।